Wednesday, April 25, 2012

संत समागम दुर्लभ भाई


तात मिले, पुनि मात मिले, सच भ्रात मिले
जुगति  सुखदायी,
राज मिले, गजराज मिले, सब साज मिले मनवांछित पाहि,
लोक मिले परलोक मिले, विधि लोक मिले  वैकुण्ठ में जाही सुन्दर और मिले सब सुखही
संत समागम  दुर्लभ भाई संत समागम दुर्लभ भाई 

Tuesday, April 3, 2012

"दो अनुभूतियाँ / अटल बिहारी वाजपेयी"

पहली अनुभूति:
गीत नहीं गाता हूँ

बेनक़ाब चेहरे हैं,
दाग़ बड़े गहरे हैं 
टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूँ
गीत नहीं गाता हूँ
लगी कुछ ऐसी नज़र
बिखरा शीशे सा शहर

अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूँ
गीत नहीं गाता हूँ

पीठ मे छुरी सा चांद
राहू गया रेखा फांद
मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूँ
गीत नहीं गाता हूँ

दूसरी अनुभूति:
गीत नया गाता हूँ

टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर
पत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर
झरे सब पीले पात
कोयल की कुहुक रात

प्राची मे अरुणिम की रेख देख पता हूँ
गीत नया गाता हूँ

टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी
अन्तर की चीर व्यथा पलको पर ठिठकी
हार नहीं मानूँगा,
रार नहीं ठानूँगा,

काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूँ
गीत नया गाता हूँ

Tuesday, March 20, 2012

Chanakya Shaloka

ॐ ॥


असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय
मृत्योर्मा अमृतं गमय ।


सर्वेपि सुखिन: संतु ।
सर्वे संतु निरामया ।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु ।
मा कश्चित दु:ख़भाद् भवेत ।


द्यौ: शांति: शांति: ।
अंतरीक्ष शांति: शांति: ।
पृथीवी शांति: शांति: ।
आप: शांति: शांति: ।
ओषधय: शांति: शांति: ।
वनस्पतय: शांति: शांति: ।
विश्वेदेवा: शांति: ।
काम: शांति: शांति: ।
क्रोध: शांति: शांति: ।
दंभ: शांति: शांति: ।
सर्व: शांति: शांति: ।
शांतिरेव शांति: शांति: ।
साम:शांतिरेभि: ।


यतो यत समीहसे ततो नो म भयं कुरु ।
शंन: कुरु प्रजाभ्यो भयं न पशुभ्य: ।


सुशांतिर्भवतु । सुशांतिर्भवतु । सुशांतिर्भवतु।

Monday, March 5, 2012

Dr. Vishwas Kumar's poem

 

पनाहों  में  जो  आया  हो  तो  उस  पर  वार  क्या  करना | 
जो  दिल  हारा  हुआ  हो  उस पर  फिर  अधिकार  क्या  करना 
 
मोहब्बत  का  मज़ा  तो  डूबने  की  कशमकश  में  हैं 
जो   हो  मालूम  गहराई   तो  दरिया  पार  क्या  करना 
हमारे  शेर  सुन  कर  के  भी  जो  खामोश  इतना  है .
खुदा  जाने  गुरुर -ए-हुस्न  में  मदहोश  कितना  है
 
किसी  प्याले  से  पूंछा   हैं  सुराही  ने   सबब  मैका
जो  खुद  बेहोश  हो  वो  क्या  बताये  होश  कितना  हैं

Saturday, February 11, 2012

प्रेम रस ...

आ पिया इन नैनं में | जो पला ढांप तोहे लूं ||
न में देंखू  और को | न तोहे  देखन दूं  || 
हाथ छुडा वत जात हो | जो निर्बल जान के मोहे ||
ह्रदय में से जाओ तो | तब मैं जानू तोहे |
नील गगन से भी परे | सैयां जी का गम || 
दर्शन जल की कामना | पट रखीयों हे राम ||
अब  किस्मत के हाथ है | इस बंदन की लाज || 
मैंने तो मन लिख दिया | सांवरिया के नाम ||
वो चतर है कामिनी | वो है सुन्दर नार ||
जिस पगली ने कर दिया |सजन का मन राम ||
जब से राधा श्याम के | नैन हुए है चार ||
श्याम बने है राधिका | राधा बन गयी श्याम ||

Tuesday, February 7, 2012

Kavi gang...

एक बुरो प्रेम को पंथ , बुरो जंगल में बासो
बुरो नारी से नेह बुरो , बुरो मूरख में हँसो
बुरो सूम की सेव , बुरो भहनी घर भाई
बुरी नारी कुलक्ष , सास घर बुरो जमाई
बुरो ठनठन पाल है बुरो सुरन में हँसनों
कवि गंग कहे सुन शाह अकबर सबसे बुरो माँगनो...एक सबसे बुरो माँगनो.....एक सबसे बुरो माँगनो
 Movie: Hum dono (1962) 
a dialogue...

है तो वोह चाँद सी ,
लेकिन सर उसका असमान पर नहीं ,
धरती पर है | ... 

Some lines from my fav song....दुःख और सुख के रास्ते , बने हैं सबके वासते
जो गम से हार जाओगे , तो किस तरह निभाओगे
खुशी मिले हमें के गम जो होगा बाँट लेंगे हम
मुझे तुम आजमाओ तो , जरा नजर मिलाओ तो
यह जिस्म दो सही मगर , दिलो में फासला नहीं

जहा में ऐसा कौन है , के जिस को गम मिला नहीं

तुम्हारे प्यार की कसम तुम्हारा गम हैं मेरा गम
न यु बुझे बुझे रहो , जो दिल की बात हैं कहो
जो मुझसे भी छुपाओगे , तो फिर किसे बताओगे
मई कोइ गैर तो नहीं , दिलाऊ किस तरह यकीं
के तुम से मै जुदा नहीं , मुज से तुम जुदा नहीं
तुम से मै जुदा नहीं , मुज से तुम जुदा नहीं
तुम से मै जुदा नहीं , मुज से तुम जुदा नहीं




Saturday, January 28, 2012

Airplane dance