Wednesday, April 25, 2012

संत समागम दुर्लभ भाई


तात मिले, पुनि मात मिले, सच भ्रात मिले
जुगति  सुखदायी,
राज मिले, गजराज मिले, सब साज मिले मनवांछित पाहि,
लोक मिले परलोक मिले, विधि लोक मिले  वैकुण्ठ में जाही सुन्दर और मिले सब सुखही
संत समागम  दुर्लभ भाई संत समागम दुर्लभ भाई 

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