आ पिया इन नैनं में | जो पला ढांप तोहे लूं ||
न में देंखू और को | न तोहे देखन दूं ||
हाथ छुडा वत जात हो | जो निर्बल जान के मोहे ||
ह्रदय में से जाओ तो | तब मैं जानू तोहे |
नील गगन से भी परे | सैयां जी का गम ||
दर्शन जल की कामना | पट रखीयों हे राम ||
अब किस्मत के हाथ है | इस बंदन की लाज ||
अब किस्मत के हाथ है | इस बंदन की लाज ||
मैंने तो मन लिख दिया | सांवरिया के नाम ||
वो चतर है कामिनी | वो है सुन्दर नार ||
जिस पगली ने कर दिया |सजन का मन राम ||
जब से राधा श्याम के | नैन हुए है चार ||
श्याम बने है राधिका | राधा बन गयी श्याम ||